हर वकत पीर का चहेरा मेरी नजर में है ,
ऐसा लगता है के खुदा मेरे घर में है।
आशिको को दो कदम पर मंजिल मील गई,
आलिमो का कारवा अब भी सफर में है ।
Thursday, March 12, 2009
Thursday, March 5, 2009
शाने मुर्शिद
१। बस हरदम अपने यार की आरजू रखना ,
फ़िर उनका काम है जज्बे की आबरू रखना ।
हरिम यार से 'आदिल' यही सदा आई,
जुनूने इश्क यहाँ पाँव पारजु रखना ।
और हमारा काम तो पाए सनम पकड़ना था,
अब उनका काम है निस्बत की आबरू रखना।
फ़िर उनका काम है जज्बे की आबरू रखना ।
हरिम यार से 'आदिल' यही सदा आई,
जुनूने इश्क यहाँ पाँव पारजु रखना ।
और हमारा काम तो पाए सनम पकड़ना था,
अब उनका काम है निस्बत की आबरू रखना।
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