१। बस हरदम अपने यार की आरजू रखना , फ़िर उनका काम है जज्बे की आबरू रखना । हरिम यार से 'आदिल' यही सदा आई, जुनूने इश्क यहाँ पाँव पारजु रखना । और हमारा काम तो पाए सनम पकड़ना था, अब उनका काम है निस्बत की आबरू रखना।
रुबाई शाने-मुर्शिद: मुर्शिद में ख़ुदा हे जल्वानुमा बारीक़ नजर से देखो इसे अपनी ही खुदी में ढुंढो इसे ख़ाली नफस से देखो इसे खतरे हों लाख ग़मों के भारी बेगम पल में मिटादे बलाओं को हो जुस्तुजु आबिद इल्मे हक की दे देगा पल में गर पूछो इसे
रुबाई शाने-मुर्शिद:
ReplyDeleteमुर्शिद में ख़ुदा हे जल्वानुमा बारीक़ नजर से देखो इसे
अपनी ही खुदी में ढुंढो इसे ख़ाली नफस से देखो इसे
खतरे हों लाख ग़मों के भारी बेगम पल में मिटादे बलाओं को
हो जुस्तुजु आबिद इल्मे हक की दे देगा पल में गर पूछो इसे